International Snakebite awareness day 19September
*19 सितंबर को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय सर्प दंश जागरूकता* दिवस मनाया जाता है। हम सभी लोग सांप की एक झलक देखते ही भयभीत हो जाते हैं कि जानलेवा सांप कहीं काट ना ले और इसी डर से लोग सांप को देखते ही उसे ज्यादातर मारने की कोशिश करते हैं। सर्प हमारे पर्यावरण के अभिन्न सहयोगी हैं ।ये कीड़े मकोड़े,और चूहे खाकर हमारी फसलों और अनाज को बचाने में मदद करते हैं।कल्पना करिए कि अगर सर्प न हो तो चूहे कितनी तेजी से अपना परिवार बढ़ाकर पूरी फसल समाप्त कर सकते हैं क्योंकि उनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है।
*रैट स्नेक (धामन)* का प्रिय भोजन चूहा ही है।
आज *विश्व सर्प दंश जागरूकता दिवस* पर हम सर्प दंश से कैसे बचे इस पर चर्चा करते हैं।
भारत में हर वर्ष 50000 से ज्यादा लोग सर्पदंश से मरते हैं जिसका मुख्य कारण है कि आज के इस युग में भी हमारा समाज जागृत नहीं है।आज भी ग्रामीण परिवेश में झाड़ फूंक के चक्कर में फंसकर लोग जान गंवा देते हैं जबकि इसका एक मात्र उपचार *एंटी स्नेक वेनम वैक्सीन* है जो हमारे हर सरकारी अस्पताल में फ्री उपलब्ध है। ये वैक्सीन यहां पाए जाने वाले तीनों विषैले सांपों के दंश पर प्रभावी है बस समय रहते पीड़ित को अविलंब अस्पताल पहुंचाना होगा।
हमारे आसपास मिलने वाले सभी सांप जहरीले नहीं है ।यहां के *सिर्फ 3 सर्प ही जानलेवा दंश देते हैं* इसलिए इन तीन को पहचान कर सुरक्षा आसान हो जाती है।
1 *भारतीय नाग* इस सांप का दंश न्यूरोटॉक्सिक और बहुत तीव्र असर वाला होता है।दंश के पश्चात 30 मिनट में भी पीड़ित की मृत्यु हो सकती है अगर विष की मात्रा ज्यादा हो अर्थात सर्प ने गुस्से में काटा हो।
2 *कामन करैत* काले रंग का यह शर्मीला सांप सूर्यास्त के बाद ही शिकार की खोज में निकलता है और पेटपूजा के बाद इसे गर्म जगह की तलाश सोने के लिए होती है जिससे ये सोते हुए व्यक्तियों के बिस्तर में घुस जाता है और दबाव पड़ने के कारण काट लेता है।इसके विष दंत बहुत ही छोटे होते हैं जिससे दंश के उपरांत पीड़ित की बहुत हल्का दर्द (जैसे मच्छर ने काटा हो)हो सकता है। दंश के निशान ,सूजन और दर्द आदि जैसे लक्षण न दिखने के कारण लोग गफलत में अस्पताल नहीं जाते हैं और 4 घंटे बाद जब विष का असर शुरू होता है तो आधे घंटे में ही मृत्यु हो जाती है।इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं।
3 *रसल वाइपर (चित्ता)* ये एशिया के सबसे बड़े विष दंत वाला गुस्सैल सांप है जो पलक झपकते ही अपने नजदीक आने वाले व्यक्ति पर बिजली को तेजी से हमलाकर ज्यादा मात्रा में जहर छोड़ देता है।
इसका विष हीमोटोक्सिक होता है जो शीघ्र ही आंख दांत स्किन आदि से रक्त श्राव होने लगता है।इसके दंश से दर्द बहुत होता है पर इलाज के लिए थोड़ा समय तो मिल ही जाता है और जान बचाई जा सकती है।
*जहां भी कोई सांप काटे तो उस व्यक्ति के साथ तुरंत निम्न उपचार करने चाहिए और तुरंत पीड़ित को सरकारी अस्पताल पहुंचना चाहिए*।
1- जिस जगह सांप ने काटा है, शरीर का वह हिस्सा बिलकुल भी नहीं हिलना चाहिए। उस जगह पर स्क्रब या बीटाडीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्लीडिंग होने पर खून को निकलने दें और बाद में इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2- पीड़ित व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए। जरा सी लापरवाही से जान तक जा सकती है।
3- अस्पताल ले जाने से पता लगेगा कि घाव कितना गहरा है और क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं।
4 काटने वाले अंग हाथ या पैर को बैंडेज से पूरा बांध दें
5 खपाची बांध दें
क्या न करें
1- सांप काटने पर किसी झोलाछाप डॉक्टर, बाबा या नीम की पत्ती को चबा कर देखना कि वह कड़वा लग रहा है या मीठा, यह सब नहीं करना चाहिए।
2- जहांं सांप ने काटा है वहां चीरा नहीं लगाना चाहिए इससे सेप्टिक होने के चांस बढ़ जाते हैं। न ही उस जगह को जलाने की कोशिश करनी चाहिए।
3- सांप काटने पर तनाव से भी बचने की कोशिश करें। अक्सर तनाव में आकर ही लोगों की मौत हो जाती है।
आजाद सिंह बर्डमैन अयोध्या
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